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10 बचपन की यादें जो आज भी दिल को छू जाती हैं | Apna Bachpan









10 सुंदर बचपन की यादें जो आज भी दिल को छू जाती हैं – Apna Bachpan

✨ 10 सुंदर बचपन की यादें जो आज भी दिल को छू जाती हैं

बचपन की यादें हमें फिर से उसी मासूमियत और खुशी के दौर में ले जाती हैं…

बचपन की यादें

🌤 प्रस्तावना

कभी वो दिन भी थे जब खुशी किसी खिलौने से नहीं, बल्कि मिट्टी में खेलते हुए मिलती थी।
कागज़ की नावें, गली में गूँजती हंसी और दोस्तों का साथ — यही था हमारा सच्चा बचपन।
उस दौर में ना मोबाइल थे, ना इंटरनेट, लेकिन ज़िंदगी में सुकून था।

🌈 90 के दशक का बचपन

अगर आप 90 के दशक में पले-बढ़े हैं तो आपको याद होगा कि रविवार का मतलब था – शक्तिमान, मोगली और चित्रहार
हमारी खुशियाँ टीवी के दो चैनलों में समाई थीं और हमारे खेल मैदानों में जादू था।

90 के दशक की बचपन की यादें

गर्मियों की छुट्टियाँ दादी-नानी के घर बिताना, आम खाना, और छत पर तारों को गिनते हुए सो जाना —
वो दिन कितने प्यारे थे! तब समय धीमा चलता था और रिश्ते गहरे हुआ करते थे।

🍭 जब ज़िंदगी मीठी और सरल थी

एक टॉफ़ी से झगड़े सुलझ जाते थे, और एक टिफिन से दोस्ती बन जाती थी।
ना सोशल मीडिया था, ना फ़िल्टर, लेकिन मुस्कानें सच्ची थीं।
हम कहानी नहीं सुनाते थे — हम खुद कहानी बन जाते थे।

बचपन की मिठास

🎠 वो बचपन की यादें जो आज भी ताज़ा हैं

आज भी जब बारिश की खुशबू आती है या किसी पुराने गीत की धुन बजती है,
तो हम पलभर में उसी बचपन में लौट जाते हैं।
वो मिट्टी, वो गली, वो दोस्त — सब याद आते हैं।

हमारे पुराने एलबम, वो स्कूल बैग या चिट्ठियाँ आज भी हमें याद दिलाते हैं कि
सच्ची खुशी किसी मोबाइल में नहीं, बल्कि उस दौर की मासूमियत में थी।

पुराने दोस्तों की बचपन की यादें

💫 निष्कर्ष

बचपन की यादें हमें सिखाती हैं कि सच्ची खुशी सादगी में होती है।
वो समय हमें जोड़ता था, सिखाता था और मुस्कुराना सिखाता था।
आज जब हम उन पलों को याद करते हैं, तो दिल अपने आप हल्का महसूस करता है।

भाग 2 में पढ़िए – स्कूल की दोस्ती और जीवन के वो सुनहरे दिन।


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